अश्क आंखों में

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अश्क आंखों में..
अश्क आँखों में कब नहीं आता
लहू आता है जब नहीं आता
होश जाता नहीं रहा लेकिन
जब वो आता है तब नहीं आता
दिल से रुखसत हुई कोई ख्वाहिश
गिरिया कुछ बे-सबब नहीं आता
इश्क का हौसला है शर्त वरना
बात का किस को ढब नहीं आता
जी में क्या-क्या है अपने ऐ हमदम
हर सुखन ता बा-लब नहीं आता

This is a great अश्क पर शायरी. If you like आंखों की शायरी then you will love this. Many people like it for शायरी आंखों पर.

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