बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए SHARE FacebookTwitter बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइएदिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम हैMore SHARE FacebookTwitter Tagsखुदा पर शायरी