जिसको दिल में बसाया हमने वो दूर हमसे रहने लगे

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जिसको दिल में बसाया हमने वो दूर हमसे रहने लगे
जिनको अपना माना हमने वो पराया हमको कहने लगे
जो बने कभी हमदर्द हमारे वो दर्द हमको देने लगे
जब लगी आग मेरे घर में तो पत्ते भी हवा देने लगे
जिनसे की वफ़ा हमने वो बेवफा हमको कहने लगे
जिनको दिया मरहम हमने वो ज़ख्म हमको देने लगे
बचकर निकलता था काँटों से मगर फूल भी ज़ख्म देने लगे
जब लगी आग मेरे घर में तो पत्ते भी हवा देने लगे
बनायी जिनकी तस्वीर हमने अब चेहरा वो बदलने लगे
जो रहते थे दिल में मेरे अब महलों में जाकर रहने लगे

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