कोई तो फूल खिलाए

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कोई तो फूल खिलाए..
कोई तो फूल खिलाए दुआ के लहजे में
अजब तरह की घुटन है हवा के लहजे में
ये वक़्त किस की रुऊनत पे ख़ाक डाल गया
ये कौन बोल रहा था ख़ुदा के लहजे में
न जाने ख़ल्क़-ए-ख़ुदा कौन से अज़ाब में है
हवाएँ चीख़ पड़ीं इल्तिजा के लहजे में
खुला फ़रेब-ए-मोहब्बत दिखाई देता है
अजब कमाल है उस बे-वफ़ा के लहजे में
यही है मसलहत-ए-जब्र-ए-एहतियात तो फिर
हम अपना हाल कहेंगे छुपा के लहजे में

This is a great अज़ाब शायरी. If you like अपना ख्याल रखना शायरी then you will love this. Many people like it for कमाल की शायरी.

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