तेरी सूरत जो दिलनशीं की है

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तेरी सूरत जो दिलनशीं की है
आशना शक्ल हर हसीं की है
हुस्न से दिल लगा के हस्ती की
हर घड़ी हमने आतशीं की है
सुबह-ए-गुल हो की शाम-ए-मैख़ाना
मदह उस रू-ए-नाज़नीं की है
शैख़ से बे-हिरास मिलते हैं
हमने तौबा अभी नहीं की है
ज़िक्र-ए-दोज़ख़, बयान-ए-हूर-ओ-कुसूर
बात गोया यहीं कहीं की है
फ़ैज़ औज-ए-ख़याल से हमने
आसमां सिन्ध की ज़मीं की है

This is a great तेरी आँखे शायरी. If you like तेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for तेरी खूबसूरती शायरी.

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