ज़रूरी काम है लेकिन

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ज़रूरी काम है लेकिन..
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ
तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है
मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ
बस इतनी बात पर मैं लोगों को अच्छा नहीं लगता
मैं नेकी कर तो देता हूँ, जताना भूल जाता हूँ
शरारत लेके आँखों में वो तेरा देखना तौबा
मैं नज़रों पर जमी नज़रें झुकाना भूल जाता हूँ
मोहब्बत कब हुई सब याद है मुझ को
मैं कर के मोहब्बत को भुलाना भूल जाता हूँ

This is a great अच्छा इंसान शायरी. If you like आँखों का काजल शायरी then you will love this. Many people like it for शायरी आँखों की.

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