बिछड़ के तुम से ज़िन्दगी सज़ा लगती है

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बिछड़ के तुम से ज़िन्दगी सज़ा लगती है
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे मैं
ज़ख्मो को मेरे जब तेरे शहर की हवा लगती है

This is a great मेरे अपने शायरी. If you like मेरे अश्क शायरी then you will love this. Many people like it for मेरे अहसास शायरी.

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