झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ SHARE FacebookTwitter झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ, सुबह और शाम मेंसच बोलने की अदा ने हमसे कई अज़ीज़ छीन लिएMoreThis is a great खूबसूरत सुबह शायरी. If you like नई सुबह शायरी then you will love this. Many people like it for सुबह का सलाम शायरी. Share it to spread the love. SHARE FacebookTwitter Tagsझूठ शायरी इन हिंदी