अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये

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अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये
मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने
जैसे कुछ जरुरी था, जो वो हमें बताना भूल गये
वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर
उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये

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