दिल मेरा जो अगर रोया न होता

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दिल मेरा जो अगर रोया न होता
हमने भी आँखों को भिगोया न होता
दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को
ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता

This is a great मेरा बचपन शायरी. If you like मेरा नसीब शायरी then you will love this. Many people like it for मेरा गाँव शायरी. Share it to spread the love.

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