आए तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबान

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आए तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबान
भूले तो यूँ कि गोया कभी आश्ना न थे

This is a great मेहरबानी शायरी.

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