​मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे​

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​मेरा ख़याल ज़ेहन से मिटा भी न सकोगे​
​एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे​;
​तो सारी उम्र मुस्करा न सकोगे​

This is a great मेरे खुदा शायरी. If you like मेरे दुश्मन शायरी then you will love this. Many people like it for मेरे अहसास शायरी. Share it to spread the love.

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