डूबी हैं मेरी उँगलियाँ खुद अपने लहू में

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डूबी हैं मेरी उँगलियाँ खुद अपने लहू में
ये काँच के टुकड़ों को उठाने के सज़ा है

This is a great अपने पराये शायरी. If you like मेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for मेरी जिंदगी शायरी.

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