तेरी हर बात​

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तेरी हर बात​..
​तेरी हर बात ​मोहब्बत में गवारा करके​
​दिल के बाज़ार में बैठे है खसारा करके​
​मुन्तजिर हूँ के सितारों की जरा आँख लगे​
​चाँद को छत पर बुला लूँगा इशारा करके​
​आसमानों की तरफ फैंक दिया है मैने​
​चंद मिटटी के चरागों को सितारा करके​
​मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी​;​
​तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके

This is a great तेरी आँखे शायरी. If you like तेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for तेरी खूबसूरती शायरी.

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