​उस बुलंदी से तुमने नवाजा क्यों था

SHARE

​उस बुलंदी से तुमने नवाजा क्यों था;​
​गिर कर मैं टूट गया कांच के बर्तन की तरह

This is a great बुलंदी शायरी इन हिंदी.

SHARE