फ़राज़' अब कोई सौदा कोई जुनूं भी नहीं

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फ़राज़' अब कोई सौदा कोई जुनूं भी नहीं
मगर क़रार से दिन कट रहे हों, यूं भी नहीं

This is a great सौदा की शायरी.

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