मेरी ख़बर तो किसी को नहीं मगर 'अख़्तर'

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मेरी ख़बर तो किसी को नहीं मगर 'अख़्तर'
ज़माना अपने लिए होशियार कैसा है

This is a great किसी की चाहत शायरी. If you like मेरी खामोशी शायरी then you will love this. Many people like it for मेरी जिंदगी शायरी.

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