रौशनी करता हूँ अँधेरा मिटाने के लिए

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रौशनी करता हूँ अँधेरा मिटाने के लिए
शराब पीता हूँ मैं तुझको भुलाने के लिए
क्यों न बन सकी तुम मेरी ज़िंदगी
आज भी रोता हूँ सोच कर गुज़रे ज़माने के लिए

This is a great रौशनी पर शायरी.

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