जाने क्यों अकेले रहने को मज़बूर हो गए

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जाने क्यों अकेले रहने को मज़बूर हो गए
यादों के साये भी हमसे दूर हो गए
हो गए तन्हा इस महफ़िल में
कि हमारे अपने भी हमसे दूर हो गए

This is a great अकेले की शायरी. If you like अकेले पन की शायरी then you will love this. Many people like it for अकेले पर शायरी. Share it to spread the love.

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