देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तहा 'मोहसिन'

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देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तहा 'मोहसिन'
हम पे नज़र पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए

This is a great तेरी बेरुखी शायरी. If you like बेरुखी पर शायरी then you will love this.

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