दिल तो चाहा पर शिकस्त-ए-दिल ने मोहलत ही न दी

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दिल तो चाहा पर शिकस्त-ए-दिल ने मोहलत ही न दी
कुछ गिले-शिकवे भी कर लेते मुनाजतों के बाद

This is a great गिले शिकवे शायरी. If you like शिकस्त शायरी then you will love this.

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