मुद्दत गुज़र गयी कि यह आलम है मुस्तक़िल

SHARE

मुद्दत गुज़र गयी कि यह आलम है मुस्तक़िल
कोई सबब नहीं है मगर दिल उदास है

This is a great मुद्दत पर शायरी.

SHARE