तू जहाँ भी रहे वहाँ मेरी दुआओं की छाँव हो

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तू जहाँ भी रहे वहाँ मेरी दुआओं की छाँव हो;
वो शहर हो फिर चाहे गाँव हो;
तेरी आँखों में कभी कोई गम ना हो;
बस यही दुआ है हमारी कि तेरी खुशियां कभी कम ना हों।
शुभ रात्रि!

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