न माँ की मार से

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न माँ की मार से, न पिता के अत्याचार से;
न लड़की के इंकार से, न ही चप्पलों की मार से;
लड़के डरते हैं, तो बस 'राखी' के त्योंहार से!
रक्षा बंधन का हार्दिक अभिनन्दन!

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