क्या लिखूं क्या ना लिखूं

SHARE

क्या लिखूं क्या ना लिखूं, आरज़ू मदहोश है, आँसू गिरते हैं पन्नो पर और कलम खामोश है...
.
.
.
.
.
.
भावार्थ:
लेखक परीक्षा में बैठा है और पर्चा देख उसे घबराहट हो रही है; दिमाग चकरा रहा है; माता-पिता की नसीहत याद कर रोना आ रहा है। क्योंकि उसको कुछ याद नही आ रहा।

SHARE