क्या लिखे कल के 15 अगस्त पर

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क्या लिखे कल के 15 अगस्त पर, स्वतंत्रता लिखु या लिखु देश में चल रहे आपसी दंगे……. दिल को छुने वाले शब्द लिखु , या लिखु छलनी करते कलेजे के शब्द वो चंगे……. ”हींदु-मुस्लिम का “जातिवाद”लिखु या लिखु पाकिस्तान के कारनामे भीखमंगे…….” जींस पहने खुले बालों की कविता” लिखु या लिखु हम युवाओ की पिछली पाँकेट में छिपे”कंघे”……. साल भर की “चुप्पी” लिखु या लिखु “15 अगस्त” को सुबह बस 5 मिनट देश के लिये होनेवाली हमसे “हर हर गंगे”…… “बिकने लगें हैं यारा ट्राफिक सिग्नलों पर आज फिर से तिरंगे ……… बेचने वाले कुछ भूखे ….. कुछ बेचने वाले नंगे ..

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