इश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी खिलौना बन जाती हैइश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी खिलौना बन जाती हैजिसे दिल में बसाना चाहते हैं वो सूरत सिर्फ याद बन रह जाती है
बस तुम्हें पाने की अब तमन्ना नहीं रहीबस तुम्हें पाने की अब तमन्ना नहीं रहीमोहब्बत तो आज भी तुमसे हम बेशुमार करते हैं
इश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी खिलौना बन कर रह जाती हैइश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी खिलौना बन कर रह जाती हैजिसके दिल में रहना चाहते हैं, वो सूरत सिर्फ याद बन कर रह जाती है
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिनयूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिनना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठेबंदगी तो खुदा की भी करते थे लेकिनना जाने क्यों हम काफ़िर बन बैठे
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिनयूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिनना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे