कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होताकुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होतातुम न होते न सही ज़िक्र तुम्हारा होता
यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा शराब सेयूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा शराब सेइश्क की राहों में तन्हा मिली तो हमसफ़र बन गई
बहेंगी जब भी सर्द हवायेंबहेंगी जब भी सर्द हवायें;हम खुद को तन्हा पायेंगे;एहसास तुम्हारे साथ का;हम कैसे महसूस कर पायेंगे