एक आदमी की 6 उँगलियाँ थी और सब लोग उसे राधे-श्याम कहते थे, क्यों? . . . . . . . . . . क्योंकि उसका नाम राधे-श्याम था। फालतू दिमाग मत लगाया करो।
इतिहास गवाह है, लडकी की विदाई के समय इतना दु:ख उसके माँ-बाप को भी नही होता, जितना दु:ख आस-पडोस के लडकों को होता है।
ऐसा कलयुग आ गया है कि आजकल लड़की की विदाई के वक़्त माँ-बाप से ज़्यादा तो मोहल्ले के लड़के रो देते हैं।
सफीना: तुम कितने मोटे हो गए हो? पठान: तुम भी तो कितनी मोती हो गयी हो! सफीना: पर मैं तो माँ बनने वाली हूँ! पठान: तो मैं भी तो बाप बनने वाला हूँ!
सलमा: माँ जी, वो अभी तक घर नहीं आये। कहीं किसी लड़की का चक्कर तो नहीं है, उनका? पठान की माँ बड़े गुस्से में बोली, "अरे कलमुही, तू तो हमेशा गलत ही सोचती है। हो सकता है कि . वो किसी ट्रक के नीचे आ गया हो"।