संता के शहर में जोरदार भूकंप आया मगर सौभाग्य से संता का परिवार सुरक्षित बच गया। बुरी तरह से डरे हुए संता ने अपने दोनों बच्चों को सुरक्षा के लिहाज से अपने मित्र बंता के पास मुंबई भेज दिया। तीन दिन बाद ही संता को अपने मित्र बंता का तार मिला जिसमें लिखा था: तुम्हारे बच्चों को वापिस भेज रहा हूं, चाहो तो भूकंप को यहां भेज सकते हो।
संता: पता नही कैसा ज़माना आ गया है। ढूंडने पर भी कोई आदमी नहीं मिलता जो झूठ न बोलता हो। बंता: लेकिन मै एक ऐसे आदमी को जानता हूं जो कभी झूठ नहीं बोलता। संता: अच्छा उस नेक आदमी से मेरी बात कराओ। बंता: यह सभंव नही क्योंकि वह गूंगा है।
संता बंता से: 20 सालों में, आज पहली बार अलार्म से सुबह सुबह मेरी नींद खुल गई। बंता: क्यों, क्या तुम्हें अलार्म सुनाई नहीं देता था? संता: नहीं आज सुबह मुझे जगाने के लिए मेरी बीवी ने अलार्म घड़ी फेंक कर सिर पर मारी।
पप्पू: पापा, आपने क्या सोच कर मम्मी से शादी की थी? संता: तो अब तुम्हें भी इस बात की हैरानी होनी शुरू हो गयी है।
डॉक्टर (संता से): अब आपकी दिमागी बीमारी का क्या हाल है? संता: ठीक है डॉक्टर साहब, आज-कल वो मायके गयी हुई है।
डॉक्टर(संता से): तो आपने पीना कम किया या नहीं? संता: नहीं, बिल्कुल नहीं। डॉक्टर: पर मैंने तो तुम्हें कहा था कि तुम्हें अपनी शराब के बारे में सोचना पड़ेगा। संता: जी इसलिए मैं अब अकेले बैठ कर पीता हूँ ताकि चैन से सोच सकूँ।