आजकल की मम्मियो का अपने बच्चो से "आप आप " करके बातें करना भी, एक नकलीपन का सा ऐहसास देता है।असली प्यार तो वो होता था जब माँ की एक बात का जवाब नहीं देते थे तो हवा में लहराती हुई "चप्पल"आकर सीधी मुँह पर लगती थी। वो होता था असली प्यार बाकी सब तो दुनियादारी है।
आज की खबर: महंगाई के असल जिम्मेदार वो बच्चे भी हैं जो सामान लाने के बाद घर में पैसे वापस नही करते और घरवाले समझते हैं कि महंगाई बढ गई है।
खाना खाने के बाद लड़कियाँ टिशू पेपर से इतने प्यार से मुँह पाेछती है कि कहीं होंठ उखड़ के टिशू पेपर के साथ ना आ जाये। और लड़के ऐसे साफ करते हैं कि जैसे दीवार पे रेगमार रगड़ रहें हो।
काश बीवी के लिए भी कानून आ जाये। 1,3,5,7 पत्नी बोलेगी पति सुनेगा। 2,4,6,8 को पति बोलेगा पत्नी सुनेगी। जनहित के लिए बेहद ज़रूरी
ये लड़कियाँ स्कूल तथा कॉलेज लाइफ में कितना भी चिट्टियां कलाइयाँ सुन लें, इनको आखिर में नाचना . . . . . . "पलो लटके जरा सो पलो लटके" पर ही है।
अपने रास्ते पर चलो, अपने अंदाज़ में बात करो, जो दिल कहे, वही करो, फिर देखना एक दिन दुनिया कहेगी कि... . . . . . . . . . . . ये साला किसी की नहीं सुनता।