“ऐडमिन आरती” जय एडमिन देवा जय एडमिन देवा । थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।। चोखी चोखी ज्ञान की बात्या खूब घणी बांचा धर्म करम की गंगा पाप का ना खांचा ।। डांट डपट फटकार स थारो नहीं नातों । जो कोई एकर आग्यो तो पाछो नहीं जातो।। बिना काम की चौधर थान सुहाव नहीं । थे क स्यो बिया होव साची थारी बही ।। या आरती एडमिन जी जो सदस्य गाता । उर आनद अति उमड़े मोज करत जाता ।। जय एडमिन देवा जय एडमिन देवा । थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।