इस कदर इस जहाँ में जिंदा हूँ मैं

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इस कदर इस जहाँ में जिंदा हूँ मैं
हो गयी थी भूल अब शर्मिंदा हूँ मैं
मेरी कोशिश है ​कि ना हो तेरी दुनिया में कोई गम
तू आवाज़ दे गगन से एक परिंदा हूँ मैं​

This is a great जिंदा दिल शायरी.

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