हो कर मायूस न यूँ शाम से ढलते रहिʲ SHARE FacebookTwitter हो कर मायूस न यूँ शाम से ढलते रहि90fज़िंदगी भोर है सूरज से निकलते रहिएएक ही पाँव पर ठहरोगे तो थक जाओगेधीरे-धीरे ही सही राह पर सदा चलते रहिए SHARE FacebookTwitter Tagsये जिंदगी शायरी