आँखें शराबआँखें शराब खानादिल हो गया दीवानानजरों के तीर खा करघायल हुआ जमानाभटकेंगी ये तो दर-दरनजरों का क्या ठिकानानजरों की कदर करनानजरों से ना गिरानानज़रों की आब, इज्जतइस को सदा बढ़ानाशर्म-ओ-हया का जेवरनज़रों का है खज़ानानज़रों के दायरे मेंगैरों को ना बसानानज़रों में बंद रखनातुम राज-ए-दिल छुपाना!