इस बार उन से मिल के जुदा हम जो हो गए SHARE FacebookTwitter इस बार उन से मिल के जुदा हम जो हो गएउन की सहेलियों के भी आँचल भिगो गएचौराहों का तो हुस्न बढ़ा शहर के मगरजो लोग नामवर थे वो पत्थर के हो गएMoreThis is a great जुदा होना शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsजुदा होना शायरी