तुम ने चाहा ही नहीं हालात बदल सकते थे SHARE FacebookTwitter तुम ने चाहा ही नहीं हालात बदल सकते थेतेरे आाँसू मेरी आँखों से निकल सकते थेतुम तो ठहरे रहे झील के पानी की तरहदरिया बनते तो बहुत दूर निकल सकते थेMoreThis is a great हालात पर शायरी. If you like मेरे हालात शायरी then you will love this. SHARE FacebookTwitter Tagsहालात पर शायरी, मेरे हालात शायरी