चल रहे हैं इस दौर में रिश्वतों के सिलसिले SHARE FacebookTwitter चल रहे हैं इस दौर में रिश्वतों के सिलसिलेतुम भी कुछ ले देके मेरे क्यों नही हो जातेMore SHARE FacebookTwitter Tagsजोड़ी सलामत रहे शायरी