ना हम रहे दिल लगाने के काबिल SHARE FacebookTwitter ना हम रहे दिल लगाने के काबिलना दिल रहा ग़म उठाने के काबिललगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल परना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिलMoreThis is a great दिल लगाने शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsदिल लगाने शायरी