ये क्या के सब..ये क्या के सब से बयाँ दिल की हालतें करनी'फ़राज़' तुझको न आई मुहब्बतें करनीये क़ुर्ब क्या है के तु सामने है और हमेंशुमार अभी से जुदाई की स'अतें करनीकोई ख़ुदा होके पत्थर जिसे भी हम चाहेंतमाम उम्र उसी की इबादतें करनीसब अपने अपने क़रीने से मुंतज़िर उसकेकिसी को शुक्र किसी को शिकायतें करनीहम अपने दिल से हैं मजबूर और लोगों कोज़रा सी बात पे बरपा क़यामतें करनी
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