आँखों से आँसू छलक पड़े बेरोजगारी के उस SHARE FacebookTwitter आँखों से आँसू छलक पड़े बेरोजगारी के उसअहसास पे ग़ालिब जब घर वाली ने कहा"ए जी खाली बैठे हो तो ये मटर ही छील दो"MoreThis is a great आँखों का काजल शायरी. If you like शायरी आँखों की then you will love this. Many people like it for आँसू की शायरी. SHARE FacebookTwitter Tagsग़ालिब शायरी ओं लाइफ
Na jaane wo humse kya chhupati thi; kuch tha zaroor uske payyare se hontho pe; magar na jaane kyon h.......Read Full Shayari