एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैहर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैकहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपनाहर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता है
This is a great मंजर की शायरी. If you like मंजर भोपाली शायरी then you will love this. Many people like it for अजीब दुनिया शायरी. Share it to spread the love.