मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका थाएक मैं अकेला था, बाकी काफिला भी उसका थासाथ-साथ चलने की सोच भी उसकी थीफ़िर रास्ता बदलने का फ़ैसला भी उसका था
This is a great मंजिल फेसबुक शायरी. If you like मंजिल शायरी इन हिंदी then you will love this. Many people like it for मंजिल शायरी हिंदी. Share it to spread the love.