अलग बैठे थे फिर भी आँख साकी की पड़ी मुझ पर SHARE FacebookTwitter अलग बैठे थे फिर भी आँख साकी की पड़ी मुझ परअगर है तिश्नगी कामिल तो पैमाने भी आयेंगे।अर्थतिश्नगी - प्यास, पिपासा, तृष्णा, लालसा, अभिलाषा, इश्तियाककामिल - पूरा, सम्पूर्ण, मुकम्मलपैमाने - शराब का गिलास, पानपात्More SHARE FacebookTwitter Tagsशराब शायरी इन हिंदी फॉन्ट