मेरे ईश्वर हज़ारों ऐब हैं मुझमें SHARE FacebookTwitter मेरे ईश्वर हज़ारों ऐब हैं मुझमें, नहीं कोई हुनर बेशक़मेरी खामी को तू खूबी में तब्दील कर देनामेरी हस्ती है एक खारे समंदर सी मेरे दातातू अपनी रहमतों से इसको मीठी झील कर देना SHARE FacebookTwitter
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं; काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं; मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता; सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं; तु.......Read Full Shayari