बाल काटने की अफवाहों - में मौसियां चढ़ रही अंधविश्वास की भेंट - मारवाड़ में रोज हो रही मौत

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बाल काटने की अफवाहों में मौसियां चढ़ रही अंधविश्वास की भेंट, मारवाड़ में रोज हो रही मौत

जिस बिल्ली को मौसी कहते लोग घरों में पाल रहे थे। म्याऊं-म्याऊं करते दूध पिलाते थे, आज अंधविश्वास में जकड़े लोग उसी को अपना दुश्मन मान बैठे हैं। मारवाड़ के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं व बालिकाओं के बाल काटने जैसी अंधविश्वास की घटनाओं के चलते घरों में पल रही बिल्लियों की शामत आने लगी है। अंधविश्वासी लोग अब बिल्लियों को घर में रखने से कतराने लगे हैं। जोधपुर जिले के भोपालगढ़ क्षेत्र में घरों में बिल्ली के दिखाई देने पर गंगाजल का छिड़काव किए जाने की बात सामने आई है।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही अंधविश्वास भरी घटनाओं के मूल कारणों में बिल्ली को बताए जाने के बाद जोधपुर-बाड़मेर सीमा पर स्थित मिठड़ा खुर्द के लाखोलाई नाडी भीलों की ढाणी के पास ग्रामीणों की ओर से बिल्ली को मौत के घाट उतारने की घटना भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। आस-पास के गांवों में बिल्ली नजर आते ही उसे निशाना बनाया जाने लगा है।

अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो

धोरीमन्ना के आस-पास गांवों में बाल काटने जैसे अंधविश्वास की अफवाहों के कारण बिल्लियों को मारने जैसी घटना हमें 21वीं सदी से फिर बीते जमाने में ले जाने जैसी हैं। क्षेत्र में लोग रातभर बैठकर पहरा देने लगे हैं। घरेलू बिल्लियों को निशाना बनाने वालों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। किसी अफवाह से भ्रमित होकर बेकसूर जीव की हत्या मानवीय असभ्यता का लक्षण है। -भंवरलाल भादू, क्षेत्रवासी

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जंगली और मरु बिल्ली पर खतरा नहीं

अंधविश्वास के कारण कुछ जगहों पर बिल्लियों के मारने की घटनाएं सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। इससे जंगली और मरु बिल्ली के वजूद पर कोई खतरा नहीं है। जंगली और मरु बिल्ली कभी रिहायशी क्षेत्र में विचरण नहीं करती है। - डॉ. सुमित डूकिया, वन्यप्राणी विशेषज्ञ

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