तेरे बिना कैसे गुज़रेंगी ये रातें

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तेरे बिना कैसे गुज़रेंगी ये रातें,
तन्हाई का गम कैसे सहेंगी ये रातें,
बहुत लम्बी हैं घड़ियाँ इंतज़ार की,
करवट बदल-बदल कर कटेंगी ये रातें।
शुभरात्रि!

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