दशहरा का तात्पर्य है सदा सत्य की जीत;
गढ़ टूटेगा झूठ का होगी सत्य से प्रीत;
सच्चाई की राह पर चाहे लाख बिछे हों शूल;
बिना रुके चलते रहना ये शूल भी बन जायेंगे फूल;
वर्तमान का दशानन है ये भ्रष्टाचार;
आओ मिल कर इस दशहरे पर हम इसका करें संहार।
दशहरे की शुभ कामनायें!