जाने कौन सा तराना है ये ज़िन्दगी

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जाने कौन सा तराना है ये ज़िन्दगी;
बिना बात का फ़साना है ये ज़िन्दगी;
एक अरस गुज़र गया पत्तों के साथ गिरे हुए;
पर आज भी उम्मीद का खज़ाना है ज़िन्दगी!

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