वो छोटी छोटी बातो पे रुठ जाना,
वो रुठे हूये को और भी सताना,
वो कभी भी पढकर ना जाना,
जो टिचर पूछे तो टोपीया पेहनाना,
वो कलास मे बेठ के गप्पे लगाना,
वो एक दूसरे को किस्से सूनाना,
ना ही वो दिन रहेंगे ओर ना फीर लौट कर आयेंगे.
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ना वो दोस्त,
ना वो बाते:-(
अगर कूछ रेह जायेगा तो बस वो यादे.
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dedicated to all my old & new frnds..